कुछ बातें आधारभूत रूप से असंभव हैं। जैसे राजनीति में अच्छे और बुद्धिमान व्यक्ति का टिक पाना। लगभग 4% लोग ही बुद्धिमान, अच्छे व राजनीति से दूर होते हैं और बाकी के लोग अपने जैसा नेता चुनते हैं। 😂 असल में, कम बुद्धिमान लोगों को ही दूसरों की ज्यादा ज़रूरत पड़ती है। इसीलिए राजनीति का जन्म हुआ। बुद्धिमान लोग हमेशा कम मेहनत वाले अपने कामो में लगे रहे और कम बुद्धि वाले लोग किसी न किसी धूर्त की सेवा करने में लगे रहे। आपको तो पता ही होगा कि दुनिया में जो व्यक्ति अपना नुकसान कर ले, उसे ही लोग अच्छा समझते हैं। लेकिन साथ ही उसे मूर्ख भी बोल कर उसका शोषण भी शुरू कर देते हैं। इसीलिए जो मूर्ख नहीं होता, धूर्त होता है, वही नेता बन पाता है और फिर अच्छे (मूर्ख) लोगों का शोषण शुरू कर देता है। 😂 राजनीति बुरी नहीं है, अगर इसे कम्प्यूटर चलाये। समस्या इंसान की धूर्तता, शासन करने की हवस, लालच, नफ़रत, और घमंड है। जो कभी खत्म नहीं हो सकता। इंसान का अस्तित्व ही इस बुराई के साथ है। इसीलिए अपनी अलग दुनिया बसाओ, आम जनजीवन से जितना दूर रह सकते हो, रहो। जीवन मे कुछ अच्छा और मनोरंजक करो। लोगों तक अपनी बात पहुँचा सकते हो
विद्वान: बहुत ऐंठ में रहता है। शुभ: सारी जिंदगी पिजंडे से जूझ कर, पिजंडे की दीवारों में उड़ने की कोशिश में घायल कर चुके पंखों वाले छोटे से पक्षी को जब आज़ादी मिलती है न, तो वो सबसे पहले जाकर बाज़ को मार देता है क्योंकि वही कई बार उसे पिजंडे में चोंच डाल कर उसे डराता था। जानते हो वो 2 कौड़ी का पक्षी, पक्षियों के शिकारी को भी पहली ही बार में कैसे मार देता है? विद्वान: क...कैसे? शुभ: जब वह 2 कौड़ी का पक्षी पिजंडे में था न, तभी तक 2 कौड़ी का था। वह जब व्यस्त नहीं था तो उसने योजना बनाई। उसने हर वो रास्ता निकाला कि कैसे वो पिजंडे से आज़ाद होगा और कैसे वो अपनी आज़ादी को कायम रखेगा। उसकी आज़ादी में बाधा थे ये 4 बिंदु: 1. उसकी कायरता 2. उसकी मूर्खता 3. पिंजरा 4. शिकारी पक्षी जैसे-जैसे उसने इन 3 बाधाओं को पार कर लिया, तो वह इतना खूंखार हो चुका था और आत्मविश्वास से भर चुका था कि उसे शिकारी पक्षी से डर लगना ही बन्द हो गया। वो अंधेरी रातों को सबसे ऊंचे पेड़ों पर जाकर छुपा। उसने उस ऊंचाई को पाया, जहाँ से उसे बाज की पीठ दिखने लगी। बाज की सिर्फ आंखें ही असली ताकत हैं। और वह ऊपर नहीं देख सकतीं। वह उसकी पीठ पर बै