कुछ बातें आधारभूत रूप से असंभव हैं। जैसे राजनीति में अच्छे और बुद्धिमान व्यक्ति का टिक पाना। लगभग 4% लोग ही बुद्धिमान, अच्छे व राजनीति से दूर होते हैं और बाकी के लोग अपने जैसा नेता चुनते हैं। 😂 असल में, कम बुद्धिमान लोगों को ही दूसरों की ज्यादा ज़रूरत पड़ती है। इसीलिए राजनीति का जन्म हुआ। बुद्धिमान लोग हमेशा कम मेहनत वाले अपने कामो में लगे रहे और कम बुद्धि वाले लोग किसी न किसी धूर्त की सेवा करने में लगे रहे। आपको तो पता ही होगा कि दुनिया में जो व्यक्ति अपना नुकसान कर ले, उसे ही लोग अच्छा समझते हैं। लेकिन साथ ही उसे मूर्ख भी बोल कर उसका शोषण भी शुरू कर देते हैं। इसीलिए जो मूर्ख नहीं होता, धूर्त होता है, वही नेता बन पाता है और फिर अच्छे (मूर्ख) लोगों का शोषण शुरू कर देता है। 😂 राजनीति बुरी नहीं है, अगर इसे कम्प्यूटर चलाये। समस्या इंसान की धूर्तता, शासन करने की हवस, लालच, नफ़रत, और घमंड है। जो कभी खत्म नहीं हो सकता। इंसान का अस्तित्व ही इस बुराई के साथ है। इसीलिए अपनी अलग दुनिया बसाओ, आम जनजीवन से जितना दूर रह सकते हो, रहो। जीवन मे कुछ अच्छा और मनोरंजक करो। लोगों तक अपनी बात पहुँचा सकते हो
आज सपने में मैं, न जाने कहाँ? एक नई जगह पर आया हुआ था। तभी मुझे टट्टी लगी। मुझे लगा जैसे कि सामने वाले घर में लैट्रिन है।
तो अंदर गया। देखा कि दाई तरफ 2 दरवाजे थे। 1 लेट्रिन का और दूसरा दुल्हन जैसा सज़ा हुआ। बाहर एक ग्रामीण जैसा दिखने वाला अधेड़ आदमी बैठा था। जैसे ही मैं गेट खोल के अंदर पहुँचा, वह उठ कर अंदर जाने लगा और मुझे बुलाने लगा।
मैं डर गया और सोचा कि ज़रूर ये वैश्यावृत्ति का अड्डा है। आभास होते ही मैंने आवाज लगाई, चचा मुझे लेट्रिन जाना है।
ये सुनते ही चचा के चेहरे पर मायूसी छा गई। मैंने सोचा कि कहीं हगने के भी पैसे न देने पड़ जाएं। लेकिन सोच लिया कि दे दूंगा। और घुस गया लेट्रिन में।
फिर याद नहीं कि क्या हुआ? शायद नींद खुली थी डर के मारे कि कहीं बिस्तर पर तो न हग दिया? चलो बिस्तर तो साफ था। फिर सो गया। फिर सपना शुरू हुआ।
अबकी बार 2 लड़के घर आये हुए थे। एक दिखने में नाजुक सा लग रहा था और एक हट्टाकट्टा।
रात का समय था। कूलर चल रहा था। अचानक देखा कि दोनों एक दूसरे से लिपटे हैं और चुम्बन ले रहे। मैं समझ गया कि होमोसेक्सुअल हैं ये दोनों।
जैसे ही पीछे वाले ने आगे वाले की पैंट की बेल्ट खोली मैं समझ गया कि क्या होने जा रहा है। तुरन्त उनको टोका, "आप दोनों मेरे कमरे से बाहर जाकर, टॉयलेट में करो जो करना है।"
तो वो कूलर के पास आ गए और पीछे वाले ने आगे वाले की पेंट खिसका कर अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया, थूक लगा के।
मैं चीखा, "तुम्हारी समझ में नहीं आ रहा? बदबू आएगी कमरे में। टॉयलेट में जाओ।"
तब दोनो गए टॉयलेट में। मुझे लगा कि इनको कंडोम दे दूं। फिर ध्यान आया कि वो तो पहले ही डाल चुका एक बार। अब कोई लाभ नहीं।
ऐसा दृश्य देख कर मेरी तबियत खराब हो गयी। इन लोगों को मेरे सामने ऐसा नहीं करना चाहिए था। मुझे धोखाधड़ी सी लगी। मेरे घर का इस्तेमाल कर लिया उन्होंने अपने मजे के लिए। मैंने तय कर लिया कि जल्द से जल्द दोनो को निकालता हूँ घर से। सपना टूटा।
तो दोस्तों, सोने लेटा था कि कोई हसीनाओं का सपना आएगा और आया ये टट्टी सपना। सारा मूड खराब हो गया। ~ Shubhanshu 2020©
🤣🤣🤣🤣
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