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राजनीति, बुद्धि और धूर्तता Politics, Intelligence and Con ~ Shubhanshu

कुछ बातें आधारभूत रूप से असंभव हैं। जैसे राजनीति में अच्छे और बुद्धिमान व्यक्ति का टिक पाना। लगभग 4% लोग ही बुद्धिमान, अच्छे व राजनीति से दूर होते हैं और बाकी के लोग अपने जैसा नेता चुनते हैं। 😂 असल में, कम बुद्धिमान लोगों को ही दूसरों की ज्यादा ज़रूरत पड़ती है। इसीलिए राजनीति का जन्म हुआ। बुद्धिमान लोग हमेशा कम मेहनत वाले अपने कामो में लगे रहे और कम बुद्धि वाले लोग किसी न किसी धूर्त की सेवा करने में लगे रहे। आपको तो पता ही होगा कि दुनिया में जो व्यक्ति अपना नुकसान कर ले, उसे ही लोग अच्छा समझते हैं। लेकिन साथ ही उसे मूर्ख भी बोल कर उसका शोषण भी शुरू कर देते हैं। इसीलिए जो मूर्ख नहीं होता, धूर्त होता है, वही नेता बन पाता है और फिर अच्छे (मूर्ख) लोगों का शोषण शुरू कर देता है। 😂 राजनीति बुरी नहीं है, अगर इसे कम्प्यूटर चलाये। समस्या इंसान की धूर्तता, शासन करने की हवस, लालच, नफ़रत, और घमंड है। जो कभी खत्म नहीं हो सकता। इंसान का अस्तित्व ही इस बुराई के साथ है। इसीलिए अपनी अलग दुनिया बसाओ, आम जनजीवन से जितना दूर रह सकते हो, रहो। जीवन मे कुछ अच्छा और मनोरंजक करो। लोगों तक अपनी बात पहुँचा सकते हो

हर सेक्स में सक्रिय व्यक्ति को यह जानना चाहिए। ~ Shubhanshu

एक बहुत ज़रूरी बात सबको जान लेनी चाहिए जो मैंने 13 साल में अपनी open रिलेशनशिप पार्टनर के साथ सेक्स लाइफ में सीखी है। वह बात यह है कि कभी भी वीर्य को योनि में न छोड़ें। यहाँ तक कि कंडोम में भी, मैं वीर्य अंदर नहीं निकालता। क्या पता कंडोम में छेद हो गया हो छोटा सा? मैं नहीं चाहता कि उसे मेरी वजह से कोई गर्भनिरोधक गोली लेनी पड़े या गर्भपात करवाना पड़े। अपनी पार्टनर को अपनी तरह समझिए। वो भी सिर्फ मजे लेने के लिए आपके साथ है। परेशानी मोल लेने के लिए नहीं। बिना कंडोम के मैं केवल विश्वास पात्र फीमेल पार्ट्नर से ही यौन सम्भोग करता हूँ जिसे STD की पूरी जानकारी है। उसे पता है कि किसी नादान-मूर्ख से असुरक्षित संभोग करने से उसे न सिर्फ STD हो सकती है बल्कि उससे मुझे भी बीमारी लग सकती है। प्यार करने वाले एक दूसरे की परवाह करते हैं। और मूर्ख, ज़रा सी सावधानी न रख कर अपनी ही साथी की मार लेते हैं। 13 वर्षों में आज तक इस तरह से उसे गर्भ नहीं ठहरा। लेकिन इसके लिए अभ्यास की आवश्यकता होगी आम लोगों को। अभ्यास के लिए कंडोम लगा कर चरम से कुछ पहले ही बाहर निकाल कर हाथ से सहलाते हुए वीर्यपात कीजिये कंडोम में ही। ज

महिलाओं को ये जानकारी होनी ही चाहिए ~ Shubhanshu

लड़कियों को जो गलत जानकारी समाज देता है उनमें से कुछ का निवारण: 1. वैज्ञानिकों ने वर्षों के अध्ययन से पाया है कि bra आपके स्तनों को भले ही झटकों से आराम देती है लेकिन आपके स्तनों को बेडौल, ढीला बना देती है और निप्पल नीचे की तरफ लटका देती है।  अधिकतर bra सही साइज़ की नहीं मिलती हैं या महिलाओं को लेना नहीं आता है और अधिकतर ब्रा का मेटेरियल स्तनों को तकलीफ और कैंसर कर देता है। सूती स्पोर्ट्स ब्रा बेहतर विकल्प रहता है। लेकिन उसका इस्तेमाल केवल भागदौड़ के समय ही करना चाहिए। स्तनों को बांधने का कोई भी अप्राकृतिक तरीका स्तनों को लटका ही देगा। बेहतर होगा कि बहुत ज़रूरी होने पर ही इसका इस्तेमाल करें। निप्पल छुपाने के लिए नहीं। निप्पल है तो उभार दिखेगा ही। सन्दर्भ: 1.  Times of India 2.  Lifehack सस्ती स्पोर्ट्स ब्रा यहाँ से लें। 2. सैनेटरी पैड, कपड़ा और टैम्पॉन से लाख गुना बेहतर मेंस्ट्रुअल कप है जो 5 से 10 साल तक चलता है और बहुत सस्ता मिल जाता है। शुभ (Shubhanshu) जाने तन-मन-धन की बात! 😎 दोनो जानकारी नेट पर सर्च करके पा सकते हैं। 2020©

सभी धर्मों को आईना दिखा देना चाहिए।

आज अचानक विचार आया कि बहुत से लोगों को अचानक किसी ऐसे कार्य को करना चाहिए जिसे करने से किसी का कोई नुकसान न होता हो लेकिन धार्मिक आपको मारने के लिए कत्लेआम मचा दें। जैसे फ्रांस में पैगम्बर के कार्टून को लेकर हो रहा है। इसी तरह बाकी धर्मों के अंदर भी चुतियापन्ति पर आधारित बातें खोजिये और उनको कर डालिये। याद रखिये, धर्मग्रंथ जलाना, उसे गंदा करना, बिना प्रमाण के अपमान जनक टिप्पणी करना, गाली द्वारा या थूक, जूते, गन्दगी, मल-मूत्र आदि के ज़रिए अपमान करना इस में शामिल नहीं है। ये सब कानूनन अपराध और अनैतिक कार्य हैं। इससे होगा यह कि सभी धार्मिकों की धर्मांधता सामने आएगी और तब उसके भयंकर परिणाम देख कर, ये सब खुद ही अपना धर्म छोड़ कर धर्ममुक्त बन जाएंगे। धर्ममुक्त सत्यमेव जयते! 😊 ~ Shubhanshu 2020© नोट: निजी विचार हैं। कोई मेरे विचार मानता है तो यह उसका खुद का फैसला है।

मूर्ख होते हैं धार्मिक ~ रिसर्च

मुझसे लड़ कर गए धार्मिकों से जो ज्ञान मिला है, उसके अनुसार, धर्म का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि, नर मानव खुद को जानवरों, महिलाओं और अपने से निम्न स्तर के लोगों को तुच्छ और नफरत के लायक समझता है। वो भी केवल इसलिए क्योंकि जानवर मन्दिर-मस्जिद-चर्च-मठ-गुरुद्वारा आदि बना कर मूर्खतापन्ति नहीं करते। महिला को पहले घर में बंद रखा जाता था इसलिए वह पूजा नहीं कर पाती थी मंदिर में और आज भी कई मंदिरों/धर्मस्थलों में महिला का प्रवेश वर्जित (केरल) है। इसी तरह शूद्रों को भी पूजा नहीं करने दी जाती है। अतः ये इनको जानवरो की तरह समझते हैं और उनके साथ जुल्म करते हैं। जिस दिन ये धार्मिक और आस्तिक मूर्खतापन्ति खत्म हो जाएगी कि जानवर और इंसान में कोई फर्क है, उस दिन ये सब जुल्म और अन्याय खत्म हो जाएंगे। मुझे आश्चर्य होता है कि जुल्म और अन्याय करने वाला धार्मिक पुरुष समुदाय व इन पुरुषों पर आश्रित महिलाएँ काल्पनिक और पाखंड युक्त निरर्थक कर्म करके खुद को श्रेष्ठतम समझते हैं? इसी मूर्खता से पता चलता है कि धार्मिक मूर्ख होता है। रिसर्च भी यही साबित करती है कि धार्मिक लोगों का IQ (बुद्धिलब्धि) नास्तिक और वीगन लोगों

सूजी व पीनट बटर का वेनिला स्वाद में हलवा

थोड़ी सूजी भून लें सुनहरी होने तक। साथ ही दूसरे बर्तन में 3-4 चम्मच वीगन शक्कर मिला कर पानी उबाल लें। अब आवश्यकता अनुसार मीठा पानी धीरे-धीरे सूजी में डालें और चलाते रहें। पहले पानी देखने में ज्यादा लगता है फिर सूजी फूलने लगेगी और गाढ़ी होने लगेगी। इसी समय 1 चम्मच पीनट बटर इसमें मिला दीजिये। अब काजू लेकर उसे तोड़ लें और मिला दें साथ में ही। जब पर्याप्त गाढ़ा हो जाये तो गैस बंद कर दें और 2-3 बून्द वेनिला एसेंस डाल कर मिला लें। अब तैयार मिश्रण को गहरी कटोरी में जैतून का तेल लगा कर या ऐसे ही ठूंस कर एक समान भर दें और ऊपर से पिसी हरी इलायची डाल दें। अब इसको ठंडा होने दें। ठंडा होने पर कटोरी को पलट कर हलवा केक बाहर निकाल लें। इस को चम्मच से काट-काट के खाइए अन्यथा उंगली चबा जाएंगे। ~ Shubhanshu the Experimental चूतिया Shef 2020©

कमोड में गिरा चाभी का गुच्छा

खूब सारा पीला हग कर जैसे ही उठा, अंटी में फंसा चाभी का गुस्सा कमोड में गिर गया। दिख ही नहीं रहा था कि कहाँ है तो बार बार फ्लश करने का मन हो रहा था। लेकिन फिर क्या होता, सबको पता है। अब गलती हो गई तो हो गई। जुगाड़ लगा कर बिना हाथ डाले मैग्नेट से उठाया तो मैगनेट में दम ही नहीं था। बार बार छोड़ दे रहा। किसी तरह नजाकत से उठा कर निकाला तो देखा कि लोहे का गुच्छा सोने का बन गया था। धोते ही वापस लोहा हो गया। आप बिन धुले बेच देना। 😆 ~ Shubhanshu 2020©

टट्टी सपना: हो गया सारा मूड खराब।

आज सपने में मैं, न जाने कहाँ? एक नई जगह पर आया हुआ था। तभी मुझे टट्टी लगी। मुझे लगा जैसे कि सामने वाले घर में लैट्रिन है। तो अंदर गया। देखा कि दाई तरफ 2 दरवाजे थे। 1 लेट्रिन का और दूसरा दुल्हन जैसा सज़ा हुआ। बाहर एक ग्रामीण जैसा दिखने वाला अधेड़ आदमी बैठा था। जैसे ही मैं गेट खोल के अंदर पहुँचा, वह उठ कर अंदर जाने लगा और मुझे बुलाने लगा। मैं डर गया और सोचा कि ज़रूर ये वैश्यावृत्ति का अड्डा है। आभास होते ही मैंने आवाज लगाई, चचा मुझे लेट्रिन जाना है। ये सुनते ही चचा के चेहरे पर मायूसी छा गई। मैंने सोचा कि कहीं हगने के भी पैसे न देने पड़ जाएं। लेकिन सोच लिया कि दे दूंगा। और घुस गया लेट्रिन में। फिर याद नहीं कि क्या हुआ? शायद नींद खुली थी डर के मारे कि कहीं बिस्तर पर तो न हग दिया? चलो बिस्तर तो साफ था। फिर सो गया। फिर सपना शुरू हुआ। अबकी बार 2 लड़के घर आये हुए थे। एक दिखने में नाजुक सा लग रहा था और एक हट्टाकट्टा। रात का समय था। कूलर चल रहा था। अचानक देखा कि दोनों एक दूसरे से लिपटे हैं और चुम्बन ले रहे। मैं समझ गया कि होमोसेक्सुअल हैं ये दोनों। जैसे ही पीछे वाले ने आगे वाले की पैंट की बेल्ट खोली